देवता : इन्द्रः ऋषि : सुकक्षश्रुतकक्षौ छन्द : गायत्री स्वर : षड्जः उद्घेदभि श्रुतामघं वृषभं नर्यापसम् । अस्तारमेषि सूर्य ॥१२५॥ Samveda/125
देवता : इन्द्रः ऋषि : सुकक्षश्रुतकक्षौ छन्द : गायत्री स्वर : षड्जः यदद्य कच्च वृत्रहन्नुदगा अभि सूर्य । सर्वं तदिन्द्र ते वशे ॥१२६॥ Samveda/126