देवता : अग्निः ऋषि : विरूपः छन्द : गायत्री स्वर : सूक्त-१ उक्षान्नाय वशान्नाय सोमपृष्ठाय वेधसे। स्तोमैर्विधेमाग्नये ॥ Atharvaveda/20/1/3