तंयज्ञायज्ञियं च वामदेव्यं च यज्ञश्च यजमानश्चपशवश्चानुव्यचलन्॥
अथर्ववेद में एकपदोष्णिक् के 1 संदर्भ मिले
तंयज्ञायज्ञियं च वामदेव्यं च यज्ञश्च यजमानश्चपशवश्चानुव्यचलन्॥
वेद पढ़ना प्रत्येक मनुष्य का अधिकार है। जन जन तक वैदिक वांग्मय का प्रचार व प्रसार करना इस वेद पोर्टल का मुख्य उद्देश्य है। यह प्रकल्प आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट के अंतर्गत चल रहा है। इसके अंतर्गत वेद मन्त्रों का डिजिटलीकरण एवं वेद सर्च इंजन विकसित किया जा रहा है। साथ ही विभिन्न भाषाओँ में वेद भाष्यों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ... आगे पढ़ें
2025 © आर्य समाज - सभी अधिकार सुरक्षित.