मा नो विदन्विव्याधिनो मो अभिव्याधिनो विदन्। आराच्छरव्या अस्मद्विषूचीरिन्द्र पातय ॥
अथर्ववेद में ईश्वरः के 4 संदर्भ मिले
मा नो विदन्विव्याधिनो मो अभिव्याधिनो विदन्। आराच्छरव्या अस्मद्विषूचीरिन्द्र पातय ॥
विष्वञ्चो अस्मच्छरवः पतन्तु ये अस्ता ये चास्याः। दैवीर्मनुष्येसषवो ममामित्रान्वि विध्यत ॥
यो नः स्वो यो अरणः सजात उत निष्ट्यो यो अस्माँ अभिदासति। रुद्रः शरव्ययैतान्ममामित्रान्वि विध्यतु ॥
यः सपत्नो यो ऽसपत्नो यश्च द्विषन्छपाति नः। देवास्तं सर्वे धूर्वन्तु ब्रह्म वर्म ममान्तरम् ॥
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