अयं यो अभिशोचयिष्णुर्विश्वा रूपाणि हरिता कृणोषि। तस्मै तेऽरुणाय बभ्रवे नमः कृणोमि वन्याय तक्मने ॥
अथर्ववेद में सतःपङ्क्तिः के 2 संदर्भ मिले
अयं यो अभिशोचयिष्णुर्विश्वा रूपाणि हरिता कृणोषि। तस्मै तेऽरुणाय बभ्रवे नमः कृणोमि वन्याय तक्मने ॥
शतं तेऽयुतं हायनान्द्वे युगे त्रीणि चत्वारि कृण्मः। इन्द्राग्नी विश्वे देवास्तेऽनु मन्यन्तामहृणीयमानाः ॥
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