देवता : वास्तोष्पतिः ऋषि : ब्रह्मा छन्द : यवमध्यात्रिपदागायत्री स्वर : आत्मा रक्षा सूक्त अश्मवर्म मेऽसि यो मा ध्रुवाया दिशोऽघायुरभिदासात्। एतत्स ऋच्छात् ॥ Atharvaveda/5/10/5
देवता : वास्तोष्पतिः ऋषि : ब्रह्मा छन्द : यवमध्यात्रिपदागायत्री स्वर : आत्मा रक्षा सूक्त अश्मवर्म मेऽसि यो मोर्ध्वाया दिशोऽघायुरभिदासात्। एतत्स ऋच्छात् ॥ Atharvaveda/5/10/6