देवता : मरुद्गणः ऋषि : ब्रह्मा छन्द : एकावसाना पादनिचृद्गायत्री स्वर : सुख प्राप्ति सूक्त सुषूदत मृडत मृडया नस्तनूभ्यो मयस्तोकेभ्यस्कृधि ॥ Atharvaveda/1/26/4
देवता : इन्द्रः ऋषि : वामदेवः छन्द : पादनिचृद्गायत्री स्वर : सूक्त-१२४ अभी षु णः सखीनामविता जरितॄणाम्। शतं भवास्यूतिभिः ॥ Atharvaveda/20/124/3