देवता : इन्द्रः ऋषि : भृगुराथर्वणः छन्द : निचृदुपरिष्टाद्बृहती स्वर : इन्द्रशौर्य सूक्त इन्द्र जुषस्व प्र वहा याहि शूर हरिभ्याम्। पिबा सुतस्य मतेरिह मधोश्चकानश्चारुर्मदाय ॥ Atharvaveda/2/5/1