देवता : मरुतः ऋषि : वसिष्ठः छन्द : निचृदार्च्युष्णिक् स्वर : ऋषभः स्वायुधास इष्मिणः सुनिष्का उत स्वयं तन्वः१ शुम्भमानाः ॥११॥ Rigveda/7/56/11