देवता : आदित्यगणः ऋषि : काण्वः छन्द : त्रिपाद्भुरिग्गायत्री स्वर : कृमिनाशक सूक्त उद्यन्नादित्यः क्रिमीन्हन्तु निम्रोचन्हन्तु रश्मिभिः। ये अन्तः क्रिमयो गवि ॥ Atharvaveda/2/32/1