देवता : पूषा
ऋषि : विमद ऐन्द्रः प्राजापत्यो वा वसुकृद्वा वासुक्रः
छन्द : ककुम्मत्यनुष्टुप्
स्वर : गान्धारः
स वेद सुष्टुतीनामिन्दुर्न पूषा वृषा । अभि प्सुर: प्रुषायति व्रजं न आ प्रुषायति ॥
ऋग्वेद में ककुम्मत्यनुष्टुप् के 1 संदर्भ मिले
स वेद सुष्टुतीनामिन्दुर्न पूषा वृषा । अभि प्सुर: प्रुषायति व्रजं न आ प्रुषायति ॥