slider_kavya.jpg
Vedic_Banner01.jpg
slide3.png

ऋग्वेद

इस ऋग्वेद से सब पदार्थों की स्तुति होती है अर्थात् ईश्वर ने जिसमें सब पदार्थों के गुणों का प्रकाश किया है, इसलिये विद्वान् लोगों को चाहिये कि ऋग्वे...

यजुर्वेद

जो कर्मकांड है, सो विज्ञान का निमित्त और जो विज्ञानकांड है, सो क्रिया से फल देने वाला होता है। कोई जीव ऐसा नहीं है कि जो मन, प्राण, वायु, इन्द्रिय ...

सामवेद

इस वेद में कुल 1875 मन्त्र संग्रहित हैं। उपासना को प्रधानता देने के कारण चारों वेदों में आकार की दृष्टि से लघुतम सामवेद का विशिष्ट महत्व है। श्रीमद...

अथर्ववेद

अथर्ववेद धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की साधनों की कुन्जी है। जीवन एक सतत संग्राम है। अथर्ववेद जीवन-संग्राम में सफलता प्राप्त करने के उपाय बताता है।

आज का वेद मन्त्र

पिबापिबेदिन्द्र शूर सोमं मन्दन्तु त्वा मन्दिनः सुतासः। पृणन्तस्ते कुक्षी वर्धयन्त्वित्था सुतः पौर इन्द्रमाव॥

मनुष्य लोग यदि पुष्टि और बुद्धि देनेवाले रोगविनाशक ओषधियों के सार को सेवन करते हैं तो पुरुषार्थी होकर ऐश्वर्य को बढ़ा सकते हैं ॥११॥ -आगे पढ़ें

वेद सम्बन्धी कथन