SEARCH RISHI

We found 11 references of कण्वो घौरः in Samveda!

मा चिदन्यद्वि शꣳसत सखायो मा रिषण्यत । इन्द्रमित्स्तोता वृषणꣳ सचा सुते मुहुरुक्था च शꣳसत ॥१३६०॥


अवक्रक्षिणं वृषभं यथा जुवं गां न चर्षणीसहम् । विद्वेषणꣳ संवननमुभयङ्करं मꣳहिष्ठमुभयाविनम् ॥१३६१॥