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प्र याभि॒र्यासि॑ दा॒श्वास॒मच्छा॑ नि॒युद्भि॑र्वायवि॒ष्टये॑ दुरो॒णे। नि नो॑ र॒यिꣳ सु॒भोज॑सं युवस्व॒ नि वी॒रं गव्य॒मश्व्यं॑ च॒ राधः॑ ॥२७ ॥

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Pad Path

प्र। याभिः॑। यासि॑। दा॒श्वास॑म्। अच्छ॑। नि॒युद्भि॒रिति॑ नि॒युत्ऽभिः॑। वा॒यो॒ इति॑ वायो। इ॒ष्टये॑। दु॒रो॒णे। नि। नः॒। र॒यिम्। सु॒भोज॑स॒मिति॑ सु॒ऽभोज॑सम्। यु॒व॒स्व॒। नि। वी॒रम्। गव्य॑म्। अश्व्य॑म्। च॒। राधः॑ ॥२७ ॥

Yajurveda » Adhyay:27» Mantra:27