अ॒स्मे वसू॑नि धारय॒ सोम॑ दि॒व्यानि॒ पार्थि॑वा । इन्दो॒ विश्वा॑नि॒ वार्या॑ ॥
English Transliteration
asme vasūni dhāraya soma divyāni pārthivā | indo viśvāni vāryā ||
Pad Path
अ॒स्मे इति॑ । वसू॑नि । धा॒र॒य॒ । सोम॑ । दि॒व्यानि॑ । पार्थि॑वा । इन्दो॒ इति॑ । विश्वा॑नि । वार्या॑ ॥ ९.६३.३०
Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:30
| Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:35» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:30
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (इन्दो) हे ज्ञान-विज्ञानादि गुणसम्पन्न विद्वन् ! (सोम) हे परमात्मन् ! आप (पार्थिवा) पृथिवीसम्बन्धी (दिव्यानि) तथा द्युलोसम्बन्धी (विश्वानि वसूनि) सर्व रत्न (वार्या) जो वरण करने योग्य हैं, उनको (अस्मे) हमारे लिये (धारय) धारण कराइये ॥३०॥
Connotation: - परमात्मा ने इस मन्त्र में इस बात का उपदेश किया है कि जो लोग सौम्य स्वभावयुक्त शूरवीरों के अनुयायी होकर देश का परिपालन करते हैं, वे नाना प्रकार के रत्नों को धारण करके ऐश्वर्यशाली होते हैं ॥३०॥ यह ६३ वाँ सूक्त और ३५ वाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (इन्दो) हे समस्तगुणसम्पन्न ! (सोम) परमात्मन् ! भवान् (दिव्यानि) दिवि भवानि (पार्थिवा) पृथिवीस्थानि (विश्वानि वसूनि) समस्तरत्नानि (वार्या) यानि वरणीयानि तानि (अस्मे) अस्मभ्यं (धारय) वितरतु ॥३०॥ इति त्रिषष्टितमं सूक्तं पञ्चत्रिंशो वर्गश्च समाप्तः ॥