ए॒ष दे॒वो र॑थर्यति॒ पव॑मानो दशस्यति । आ॒विष्कृ॑णोति वग्व॒नुम् ॥
English Transliteration
eṣa devo ratharyati pavamāno daśasyati | āviṣ kṛṇoti vagvanum ||
Pad Path
ए॒षः । दे॒वः । र॒थ॒र्य॒ति॒ । पव॑मानः । द॒श॒स्य॒ति॒ । आ॒विः । कृ॒णो॒ति॒ । व॒ग्व॒नुम् ॥ ९.३.५
Rigveda » Mandal:9» Sukta:3» Mantra:5
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:20» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:5
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (एष देवः) यह पूर्वोक्तदेव (पवमानः) सबको पवित्र करता हुआ (रथर्यति) सदा सबका शुभ चाहता है और (दशस्यति) मनोवाञ्छित फलों की प्राप्ति कराता है तथा (वग्वनुम्) सत्य को (आविष्कृणोति) प्रकट करता है ॥५॥
Connotation: - वही परमात्मा सबके लिये पवित्रता का धाम है। सब लोग आत्मिक, शारीरिक तथा सामाजिक पवित्रताएँ उसी से प्राप्त करते हैं, इसलिये वही परमदेव एकमात्र उपासनीय है ॥७॥१०॥
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Word-Meaning: - (एष, देवः) अयं देवः परमात्मा (पवमानः) सर्वं पुनानः (रथर्यति) सर्वस्य शुभं काङ्क्षति (दशस्यति) मनोवाञ्छितं प्रापयति च तथा (वग्वनुम्) सत्यम् (आविष्कृणोति) प्रकटयति ॥५॥