Go To Mantra

आ वां॑ सु॒म्ने वरि॑मन्त्सू॒रिभिः॑ ष्याम् ॥११॥

English Transliteration

ā vāṁ sumne variman sūribhiḥ ṣyām ||

Mantra Audio
Pad Path

आ। वा॒म्। सु॒म्ने। वरि॑मन्। सू॒रिऽभिः॑। स्या॒म् ॥११॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:63» Mantra:11 | Ashtak:5» Adhyay:1» Varga:4» Mantra:6 | Mandal:6» Anuvak:6» Mantra:11


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे राजा और सेनापतियो ! जिस प्रकार मैं (सूरिभिः) अत्यन्त बुद्धिमान् विद्वानों के साथ (वरिमन्) अतीव श्रेष्ठ (सुम्ने) सुख में (आ, स्याम्) सब ओर से होऊँ अर्थात् प्रसिद्ध होऊँ वैसा (वाम्) आप विधान करो ॥११॥
Connotation: - राजा और सेनापतियों को सर्वदा धार्मिक विद्वान् का सत्कार करना चाहिये, जिससे ये सब के सुख की उन्नति दिलावें ॥११॥ इस सूक्त में अश्वियों का गुणवर्णन करने से इस सूक्त के अर्थ की इससे पूर्व सूक्त के अर्थ के साथ सङ्गति जाननी चाहिये ॥ यह त्रेसठवाँ सूक्त और चौथा वर्ग समाप्त हुआ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे राजसेनेशौ ! यथाऽहं सूरिभिः सह वरिमन् सुम्न आ स्यां तथा वां विदध्यातम् ॥११॥

Word-Meaning: - (आ) समन्तात् (वाम्) युवाम् (सुम्ने) सुखे (वरिमन्) अतिशयेन श्रेष्ठे (सूरिभिः) विद्वद्भिः सह (स्याम्) भवेयम् ॥११॥
Connotation: - राजसेनेशाभ्यां सर्वदा धार्मिका विद्वांसः सत्कर्त्तव्या येनैते सर्वस्य सुखमुन्नयेयुरिति ॥११॥ अत्राश्विगुणवर्णनादेतदर्थस्य पूर्वसूक्तार्थेन सह सङ्गतिर्वेद्या ॥ इति त्रिषष्टितमं सूक्तं चतुर्थो वर्गश्च समाप्तः ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे राजा व सेनापती । सदैव धार्मिक विद्वानाचा सत्कार केला पाहिजे. ज्यामुळे सर्वांच्या सुखाची वृद्धी व्हावी. ॥ ११ ॥