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उ॒ग्रा वि॑घ॒निना॒ मृध॑ इन्द्रा॒ग्नी ह॑वामहे। ता नो॑ मृळात ई॒दृशे॑ ॥५॥

English Transliteration

ugrā vighaninā mṛdha indrāgnī havāmahe | tā no mṛḻāta īdṛśe ||

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Pad Path

उ॒ग्रा। वि॒ऽघ॒निना॑। मृधः॑। इ॒न्द्रा॒ग्नी इति॑। ह॒वा॒म॒हे॒। ता। नः॒। मृ॒ळा॒तः॒। ई॒दृशे॑ ॥५॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:60» Mantra:5 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:27» Mantra:5 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:5


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वायु और बिजुली कैसे हैं, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! हम लोग (उग्रा) तेजस्वी (विघनिना) विशेष हननेवाले (इन्द्राग्नी) वायु और बिजुली को (हवामहे) ग्रहण करते हैं उनसे (मृधः) सङ्ग्रामों को जीतते हैं, जो (ईदृशे) ऐसे युद्धप्रकारक व्यवहार में (नः) हम लोगों को (मृळातः) सुखी करते हैं (ता) उन दोनों को तुम भी जानो ॥५॥
Connotation: - मनुष्यों को वायु और बिजुली यथावत् जान और उनका संप्रयोग कर सङ्ग्रामों को जीत सुख पाना चाहिये ॥५॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्वायुविद्युतौ कीदृश्यौ भवत इत्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! वयमुग्रा विघनिनेन्द्राग्नी हवामहे ताभ्यां मृधो विजयामहे यावीदृशे व्यवहारे नो मृळातस्ता यूयमपि विजानीत ॥५॥

Word-Meaning: - (उग्रा) तेजस्विनौ (विघनिना) विशेषेण हन्तारौ (मृधः) सङ्ग्रामान् (इन्द्राग्नी) वायुविद्युतौ (हवामहे) आदद्मः (ता) तौ (नः) अस्मान् (मृळातः) सुखयतः (ईदृशे) युद्धप्रकारके व्यवहारे ॥५॥
Connotation: - मनुष्यैर्वायुविद्युतौ यथावद्विज्ञाय सम्प्रयुज्य सङ्ग्रामान् विजित्य सुखं प्राप्तव्यम् ॥५॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - माणसांनी वायू विद्युतला यथायोग्य जाणून त्यांना चांगल्या प्रकारे प्रयुक्त करून युद्ध जिंकून सुखी व्हावे. ॥ ५ ॥