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त्वं न॑श्चि॒त्र ऊ॒त्या वसो॒ राधां॑सि चोदय। अ॒स्य रा॒यस्त्वम॑ग्ने र॒थीर॑सि वि॒दा गा॒धं तु॒चे तु नः॑ ॥९॥

English Transliteration

tvaṁ naś citra ūtyā vaso rādhāṁsi codaya | asya rāyas tvam agne rathīr asi vidā gādhaṁ tuce tu naḥ ||

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Pad Path

त्वम्। नः॒। चि॒त्रः। ऊ॒त्या। वसो॒ इति॑। राधां॑सि। चो॒द॒य॒। अ॒स्य। रा॒यः। त्वम्। अ॒ग्ने॒। र॒थीः। अ॒सि॒। वि॒दाः। गा॒धम्। तु॒चे। तु। नः॒ ॥९॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:48» Mantra:9 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:2» Mantra:4 | Mandal:6» Anuvak:4» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर विद्वान् जन सन्तानों को कैसे शिक्षा दें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (वसो) वास करानेवाले (अग्ने) बिजुली के समान पुरुषार्थी जन (चित्रः) अद्भुत पुरुषार्थ करनेवाले (त्वम्) आप (ऊत्या) रक्षा से (नः) हम लोगों के (राधांसि) समृद्ध धनों की रक्षा करो तथा (अस्य) इसके (रायः) धन की (चोदय) प्रेरणा करो जिस कारण (त्वम्) आप (विदाः) विज्ञानवान् और (रथीः) बहुत प्रशंसायुक्त रथवाले (असि) हैं इस कारण से (तु) फिर (नः) हम लोगों के (तुचे) सन्तान के लिये (गाधम्) बुद्धि विलोडने की प्रेरणा करो ॥९॥
Connotation: - हे विद्वन् ! आप जैसे इन हमारे सन्तानों की बुद्धि के विलोडने से विद्या प्राप्ति हो, वैसे अनुविधान कीजिये तथा जैसे पुरुषार्थी जन धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिये प्रेरणा करता है, वैसे ही आप शिक्षा दीजिये ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्विद्वांसोऽपत्यानि कथं शिक्षेरन्नित्याह ॥

Anvay:

हे वसोऽग्ने ! चित्रस्त्वमूत्या नो राधांसि रक्षाऽस्य रायश्चोदय यतस्त्वं विदा रथीरसि तस्मात्तु नस्तुचे गाधं चोदय ॥९॥

Word-Meaning: - (त्वम्) (नः) अस्माकम् (चित्रः) अद्भुतपुरुषार्थः (ऊत्या) रक्षया (वसो) वासयितः (राधांसि) समृद्धानि धनानि (चोदय) (अस्य) (रायः) धनस्य (त्वम्) (अग्ने) विद्युदिव पुरुषार्थिन् (रथीः) बहुप्रशंसितरथः (असि) (विदाः) विज्ञानवान् (गाधम्) विलोडनम् (तुचे) अपत्याय। तुगित्यपत्यनाम। (निघं०२.२) (तु) (नः) अस्माकम् ॥९॥
Connotation: - हे विद्वन् ! भवान् यथैतेषामस्माकमपत्यानां प्रज्ञाविलोडनेन विद्याप्राप्तिः स्यात्तथाऽनुविधेहि। यथा पुरुषार्थी धनैश्वर्यं प्राप्तुं प्रेरयति तथैव भवाननुशिक्षताम् ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे विद्वाना ! आमच्या संतानाच्या बुद्धीचे मंथन करून विद्याप्राप्ती होईल अशी व्यवस्था कर व जसा पुरुषार्थी माणूस धन व ऐश्वर्याच्या प्राप्तीसाठी प्रेरणा करतो तसेच तूही शिक्षण दे. ॥ ९ ॥