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महि॑ म॒हे त॒वसे॑ दीध्ये॒ नॄनिन्द्रा॑ये॒त्था त॒वसे॒ अत॑व्यान्। यो अ॑स्मै सुम॒तिं वाज॑सातौ स्तु॒तो जने॑ सम॒र्य॑श्चि॒केत॑ ॥१॥

English Transliteration

mahi mahe tavase dīdhye nṝn indrāyetthā tavase atavyān | yo asmai sumatiṁ vājasātau stuto jane samaryaś ciketa ||

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Pad Path

महि॑। म॒हे। त॒वसे॑। दी॒ध्ये॒। नॄन्। इन्द्रा॑य। इ॒त्था। त॒वसे॑। अत॑व्यान्। यः। अ॒स्मै॒। सु॒ऽम॒तिम्। वाज॑ऽसातौ। स्तु॒तः। जने॑। स॒ऽम॒र्यः॑। चि॒केत॑ ॥१॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:33» Mantra:1 | Ashtak:4» Adhyay:2» Varga:1» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:3» Mantra:1


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब दूसरे अध्याय का प्रारम्भ है। दश ऋचावाले तेतीसवें सूक्त का प्रारम्भ है, उसके प्रथम मन्त्र में इन्द्र के गुण को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! (यः) जो (अतव्यान्) प्रयत्न करता हुआ (स्तुतः) स्तुति किया गया (जने) मनुष्यों के समूह में (समर्यः) संग्राम की इच्छा करता हुआ (वाजसातौ) संग्राम में (सुमतिम्) उत्तम बुद्धि को (महे) बड़े (तवसे) बल के लिये (चिकेत) जाने (अस्मै) इस (तवसे) बली (इन्द्राय) अत्यन्त ऐश्वर्य्य से युक्त के लिये (इत्था) इस प्रकार (महि) बड़े (नॄन्) मनुष्यों का मैं (दीध्ये) प्रकाश करता हूँ ॥१॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है । जो मनुष्य जिस मनुष्य के लिये सुखविषयक उपकार करे, वह उसके लिये प्रत्युपकार निरन्तर करे ॥१॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथेन्द्रगुणानाह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! योऽतव्याँ स्तुतो जने समर्यो वाजसातौ सुमतिं महे तवसे चिकेतास्मै तवसे इन्द्रायेत्था महि नॄनहं दीध्ये ॥१॥

Word-Meaning: - (महि) महतः (महे) महते (तवसे) बलाय (दीध्ये) प्रकाशये (नॄन्) मनुष्यान् (इन्द्राय) परमैश्वर्य्याय (इत्था) (तवसे) बलिने (अतव्यान्) यतमानः (यः) (अस्मै) (सुमतिम्) शोभनां प्रज्ञाम् (वाजसातौ) सङ्ग्रामे (स्तुतः) (जने) (समर्यः) सङ्ग्राममिच्छुः (चिकेत) जानीयात् ॥१॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः। यो मनुष्यो यस्मै सुखमुपकुर्य्यात् स तस्मै प्रत्युपकारं सततं कुर्यात् ॥१॥
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MATA SAVITA JOSHI

या सूक्तात इन्द्र व विद्वानांच्या गुणांचे वर्णन असल्यामुळे या सूक्ताच्या अर्थाची यापूर्वीच्या सूक्ताच्या अर्थाबरोबर संगती जाणावी.

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जो माणूस ज्या माणसावर सुख मिळावे यासाठी उपकार करतो त्याने ही त्याच्यावर प्रत्युपकार करावा. ॥ १ ॥