प॒र॒शुं चि॒द्वि त॑पति शिम्ब॒लं चि॒द्वि वृ॑श्चति। उ॒खा चि॑दिन्द्र॒ येष॑न्ती॒ प्रय॑स्ता॒ फेन॑मस्यति॥
paraśuṁ cid vi tapati śimbalaṁ cid vi vṛścati | ukhā cid indra yeṣantī prayastā phenam asyati ||
प॒र॒शुम्। चि॒त्। वि। त॒प॒ति॒। शि॒म्ब॒लम्। चि॒त्। वि। वृ॒श्च॒ति॒। उ॒खा। चि॒त्। इ॒न्द्र॒ येष॑न्ती। प्रऽय॑स्ता। फेन॑म्। अ॒स्य॒ति॒॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अब राजा के विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अथ राजविषयमाह।
हे इन्द्र ! या ते सेना अयस्कारः परशुं चिच्छत्रून् वि तपति शिम्बलं चिद्वि वृश्चति प्रयस्ता येषन्त्युखा चित् फेनमिव शत्रूनस्यति सा त्वया सदैव सत्कर्त्तव्या ॥२२॥
MATA SAVITA JOSHI
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