स बो॑धि सू॒रिर्म॒घवा॒ वसु॑पते॒ वसु॑दावन्। यु॒यो॒ध्य१॒॑स्मद्द्वेषां॑सि॥
sa bodhi sūrir maghavā vasupate vasudāvan | yuyodhy asmad dveṣāṁsi ||
सः। बो॒धि॒। सू॒रिः। म॒घवा॑। वसु॑ऽपते। वसु॑ऽदावन्। यु॒यो॒धि। अ॒स्मत्। द्वेषां॑सि॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है।
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनस्तमेव विषयमाह।
हे वसुपते वसुदावन् यो मघवा सूरिर्भवान् बोधि स त्वमस्मद्द्वेषांसि युयोधि ॥४॥
MATA SAVITA JOSHI
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