Devata: विश्वेदेवा:
Rishi: बन्धुः सुबन्धुः श्रुतबन्धुर्विप्रबन्धुश्च गौपयाना लौपयाना वा
Chhanda: निचृद्गायत्री
Swara: षड्जः
मनो॒ न्वा हु॑वामहे नाराशं॒सेन॒ सोमे॑न । पि॒तॄ॒णां च॒ मन्म॑भिः ॥
English Transliteration
mano nv ā huvāmahe nārāśaṁsena somena | pitṝṇāṁ ca manmabhiḥ ||
Pad Path
मनः॑ । नु । आ । हु॒वा॒म॒हे॒ । ना॒रा॒शं॒सेन॑ । सोमे॑न । पि॒तॄ॒णाम् । च॒ । मन्म॑ऽभिः ॥ १०.५७.३
Rigveda » Mandal:10» Sukta:57» Mantra:3
| Ashtak:8» Adhyay:1» Varga:19» Mantra:3
| Mandal:10» Anuvak:4» Mantra:3
Reads times
BRAHMAMUNI
Word-Meaning: - (नाराशंसेन सोमेन) मनुष्यों की प्रशंसा करनेवाले वेदज्ञान के द्वारा, तथा (पितॄणां मन्मभिः-च) पालक ऋषियों के मननीय विचारों-अनुभवों से (मनः-नु-आ हुवामहे) मन-अन्तःकरण को शीघ्र अच्छा बनावें ॥३॥
Connotation: - मनुष्यों के व्यवहार को बतानेवाले परमात्मा से प्रकाशित वेदज्ञान द्वारा तथा पालक ऋषियों के अनुभवों द्वारा मानसिक स्तर को ऊँचा बनाना चाहिए ॥३॥
Reads times
BRAHMAMUNI
Word-Meaning: - (नाराशंसेन सोमेन) नराणां प्रशंसाकारकेण परमात्मज्ञानेन वेदेन “येन नराः प्रशस्यन्ते स नाराशंसः” [निरु० ९।१०] तथा (पितॄणां मन्मभिः-च) पालकर्षीणां च मननीयैर्ज्ञानैरनुभवैश्च (मनः नु-आ हुवामहे) मनोऽन्तःकरणं शीघ्रं सुसम्पादयामः ॥३॥