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सु॒क्षे॒त्रि॒या सु॑गातु॒या व॑सू॒या च॑ यजामहे। अप॑ न॒: शोशु॑चद॒घम् ॥

English Transliteration

sukṣetriyā sugātuyā vasūyā ca yajāmahe | apa naḥ śośucad agham ||

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Pad Path

सु॒ऽक्षे॒त्रि॒या। सु॒गा॒तु॒ऽया। व॒सु॒ऽया। च॒। य॒जा॒म॒हे॒। अप॑। नः॒। शोशु॑चत्। अ॒घम् ॥ १.९७.२

Rigveda » Mandal:1» Sukta:97» Mantra:2 | Ashtak:1» Adhyay:7» Varga:5» Mantra:2 | Mandal:1» Anuvak:15» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वह कैसा है, इस विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (अग्ने) सभाध्यक्ष ! जिन आपको (वसूया) जिससे अपने को धनों की चाहना हो (सुगातुया) जिसमें अच्छी पृथिवी हो और (सुक्षेत्रिया) नाज बोने को जो कि अच्छा खेत हो वह जिस नीति से हो उससे (च) तथा शस्त्र और अस्त्र बाँधनेवाली सेना से हम लोग (यजामहे) सङ्ग देते हैं, वे आप (नः) हमलोगों के (अघम्) दुष्ट व्यसन को (अपशोशुचत्) दूर कीजिये ॥ २ ॥
Connotation: - पिछले मन्त्र से (अग्ने) इस पद की अनुवृत्ति आती है। सभाध्यक्ष को चाहिये कि शान्तिवचन कहने, दुष्टों को दण्ड देने और शत्रुओं को परस्पर फूट कराने की क्रियाओं से नीति को अच्छे प्रकार प्राप्त होके प्रजाजनों के दुःख को नित्य दूर करने के लिये उद्यम करे। प्रजाजन भी ऐसे पुरुष ही को सभाध्यक्ष करें ॥ २ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः स कीदृश इत्युपदिश्यते ।

Anvay:

हे अग्ने यं त्वां वसूया सुगातुया सुक्षेत्रिया च शस्त्रास्त्रसेनया वयं यजामहे स भवान्नोऽस्माकमघमपशोशुचत् ॥ २ ॥

Word-Meaning: - (सुक्षेत्रिया) शोभनं वपनाधिकरणं यया नीत्या तया। अत्रेयाडियाजीकाराणामिति डियाजादेशः। (सुगातुया) शोभना गातुः पृथिवी यस्यां तया। अत्र याजादेशः। (वसूया) आत्मनो वसूनिच्छन्ति तया (च) सर्वशस्त्रास्त्रादीनां समुच्चये (यजामहे) सङ्गच्छामहे (अप, नः०) इति पूर्ववत् ॥ २ ॥
Connotation: - पूर्वमन्त्रादग्ने इति पदमनुवर्त्तते। सभाध्यक्षेण सामदण्डभेदक्रियान्वितां नीतिं संप्राप्य प्रजानां दुःखानि नित्यं दूरीकर्त्तुमुद्यमः कर्त्तव्यः, प्रजयेदृश एव सभाध्यक्षः कर्त्तव्यः ॥ २ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - मागच्या मंत्रातून (अग्ने) या पदाची अनुवृत्ती होते. सभाध्यक्षाने शांतिवचन म्हणणे, दुष्टांना दंड देणे व शत्रूंची परस्पर फूट करविणे या नीतीने प्रजाजनाचे दुःख नित्य दूर करण्याचा प्रयत्न करावा. प्रजेनेही अशा पुरुषाला सभाध्यक्ष करावे. ॥ २ ॥