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उ॒वासो॒षा उ॒च्छाच्च॒ नु दे॒वी जी॒रा रथा॑नाम् । ये अ॑स्या आ॒चर॑णेषु दध्रि॒रे स॑मु॒द्रे न श्र॑व॒स्यवः॑ ॥

English Transliteration

uvāsoṣā ucchāc ca nu devī jīrā rathānām | ye asyā ācaraṇeṣu dadhrire samudre na śravasyavaḥ ||

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Pad Path

उ॒वास॑ । उ॒षाः । उ॒च्छात् । च॒ । नु । दे॒वी । जी॒रा । रथा॑नाम् । ये । अ॒स्याः॒ । आ॒चर॑णेषु । द॒ध्रि॒रे । स॒मु॒द्रे । न । श्र॒व॒स्यवः॑॥

Rigveda » Mandal:1» Sukta:48» Mantra:3 | Ashtak:1» Adhyay:4» Varga:3» Mantra:3 | Mandal:1» Anuvak:9» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वह कैसी हो, इस विषय का उपदेश अगले मंत्र में किया है।

Word-Meaning: - जो स्त्री उषा के समान (जीरा) वेगयुक्त (देवी) सुख देने वाली (रथानाम्) आनन्ददायक यानों के (उषास) वसती है (ये) जो (अस्याः) इस सती स्त्री के (आचरणेषु) धर्म्म युक्त आचरणों में (समुद्रेन) जैसे सागर में (श्रवस्यवः) अपने आप विद्या के सुनने वाले विद्वान् लोग उत्तम नौका से जाते आते हैं वैसे (दध्रिरे) प्रीति को धरते हैं वे पुरुष अत्यन्त आनन्द को प्राप्त होते हैं ॥३॥
Connotation: - इस मंत्र में उपमालंकार है। जिसको अपने समान विदुषी पंडिता और सर्वथा अनुकूल स्त्री मिलती है वह सुख को प्राप्त होता है और नहीं ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

(उवास) वसति (उषाः) प्रभावती (उच्छात्) विवसनात् (च) समुच्चये (नु) शीघ्रम् (देवी) सुखदात्री (जीरा) वेगयुक्ता (रथानाम्) रमणसाधनानां यानानाम् (ये) विद्वांसः (अस्याः) सत्स्त्रियाः (आचरणेषु) समन्ताच्चरन्ति जानन्ति व्यवहरन्ति येषु तेषु (दध्रिरे) धरन्ति (समुद्रे) जलमयेऽन्तरिक्षे वा (न) इष (श्रवस्यवः) आत्मनः श्रवणमिच्छवः ॥३॥

Anvay:

पुनः सा कीदृशी भवेदित्युपदिश्यते।

Word-Meaning: - या स्त्री उषाइव वर्त्तमाना जीरा देवी रथानां मध्यउवास येऽस्याआचरणेषु समुद्रे न श्रवस्यवो दध्रिरे ते रथानामुच्छान्न्वध्वानं तरन्ति ॥३॥
Connotation: - अत्रोपमालंकारः। येन स्वसदृशी विदुषी सर्वथाऽनुकूला प्राप्यते स सुखमवाप्नोति नेतरः ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. ज्याला आपल्याप्रमाणे विदुषी पंडिता व सर्वस्वी अनुकूल स्त्री मिळते त्याला सुख मिळते, इतराला नाही. ॥ ३ ॥