ओमा॑सश्चर्षणीधृतो॒ विश्वे॑ देवास॒ आग॑त। दा॒श्वांसो॑ दा॒शुषः॑ सु॒तम्॥
omāsaś carṣaṇīdhṛto viśve devāsa ā gata | dāśvāṁso dāśuṣaḥ sutam ||
ओमा॑सः। च॒र्ष॒णि॒ऽधृतः॒। विश्वे॑। दे॒वा॒सः॒। आ। ग॒त॒। दा॒श्वांसः॑। दा॒शुषः॑। सु॒तम्॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
ईश्वर ने अगले मन्त्र में विद्वानों के लक्षण और आचरणों का प्रकाश किया है।
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अथेश्वरः प्राणिनां मध्ये ये विद्वांसः सन्ति तेषां कर्त्तव्यलक्षणे उपदिशति।
हे ओमासश्चर्षणीधृतो दाश्वांसो विश्वेदेवासः सर्वे विद्वांसो दाशुषः सुतमागत समन्तादागच्छत॥७॥
MATA SAVITA JOSHI
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