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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
मनुष्य के कर्तव्य का उपदेश।
Word-Meaning: - (पत्नी) पत्नी (यत्) यहाँ पर (यक्ष्यमाणा) पूजी जाती हुई (पत्नी) पत्नी (दृश्यते) दीखती है, [वहाँ] (जरितः) हे स्तुति करनेवाले (दैव) परमात्मा को देवता माननेवाले विद्वान् ! (आ) सब ओर से (उथामः) हम उठते हैं। (विष्टीमेन) विशेष कोमलपन के साथ (होता) तू दाता है, (जरितः) हे स्तुति करनेवाले (देव) परमात्मा को देवता माननेवाले विद्वान् ! (आ) सब ओर से (उथामः) हम उठते हैं ॥॥
Connotation: - पत्नी और पति गुणवान् और परमेश्वरभक्त होकर आनन्द भोगें ॥॥
Footnote: −(पत्नी) वेदविधानेनोढा। गृहिणी (यत्) यत्र (दृश्यते) प्रेक्ष्यते (पत्नी) (यक्ष्यमाणा) पूज्यमाना (जरितः, आ, उथामः, दैव) म० १, ३। (होता) त्वं दातासि (विष्टीमेन) वि+ष्टीम क्लेदे−घञ्। विशेषेण आर्द्रीभावेन। कोमलत्वेन। अन्यद् गतम् ॥