Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सब सम्पत्तियों के पाने का उपदेश।
Word-Meaning: - (अयम्) यह (देवः) दिव्यगुणवाला (वनस्पतिः) सेवनीय गुणों का रक्षक (वरणः) वरण [वैदिक बोध वा वरना औषध] [उस राजरोग को] (वारयातै) हटावे (यः) जो (यक्ष्मः) राजरोग (अस्मिन्) इस [पुरुष] में (आविष्टः) प्रवेश कर गया है, (तम्) उस को (उ) निश्चय करके (देवाः) व्यवहार जाननेवाले विद्वानों ने (अवीवरन्) हटाया है ॥५॥
Connotation: - मनुष्य पूर्वज विद्वानों के समान प्रयत्न करके आत्मिक और शारीरिक रोगों का नाश करे ॥५॥ यह मन्त्र आ चुका है-अथर्व० ६।८५।१ ॥
Footnote: ५−अयं मन्त्रो व्याख्यातः-अथर्व० ६।८५।१ ॥