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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी
यश पाने के लिये उपदेश।
पदार्थान्वयभाषाः - यह मन्त्र इसी काण्ड के सूक्त ३९ मन्त्र ३ में आ चुका है, वहाँ देख लेवें ॥३॥
टिप्पणी: ३−अयं मन्त्रो व्याख्यातः−अ० ६।३९।३ ॥