Go To Mantra

येषा॑माबा॒ध ऋ॒ग्मिय॑ इ॒षः पृ॒क्षश्च॑ नि॒ग्रभे॑ । उ॒प॒विदा॒ वह्नि॑र्विन्दते॒ वसु॑ ॥

English Transliteration

yeṣām ābādha ṛgmiya iṣaḥ pṛkṣaś ca nigrabhe | upavidā vahnir vindate vasu ||

Pad Path

येषा॑म् । आ॒ऽबा॒धः । ऋ॒ग्मियः॑ । इ॒षः । पृ॒क्षः । च॒ । नि॒ऽग्रभे॑ । उ॒प॒ऽविदा॑ । वह्निः॑ । वि॒न्द॒ते॒ । वसु॑ ॥ ८.२३.३

Rigveda » Mandal:8» Sukta:23» Mantra:3 | Ashtak:6» Adhyay:2» Varga:9» Mantra:3 | Mandal:8» Anuvak:4» Mantra:3


Reads times

SHIV SHANKAR SHARMA

ईश्वर का न्याय दिखलाते हैं।

Word-Meaning: - (येषाम्) जिन उपद्रवकारी जनों को (आबाधः) ईश्वर सब प्रकार से बाधक होता है, उनके (इषः) अन्नों को (पृक्षः+च) अन्नादि पदार्थ के रसों को (निग्रभे) छीन लेता है, जो ईश्वर (ऋग्मियः) पूज्य है, परन्तु (वह्निः) स्तुतिपाठकजन (उपविदा) सर्वज्ञ परमात्मा के द्वारा (वसु+विन्दते) धन पाता है ॥३॥
Connotation: - भगवान् उपद्रवकारी पुरुषों से धन छीन लेता और स्तुतिपाठकजन उन्हीं धनों से धनिक होता है अर्थात् साधुजनों का पोषण करता है ॥३॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (आबाधः) शत्रुओं के सन्मुख बाधा करनेवाला (ऋग्मियः) ऋचाओं से सत्कार योग्य (वह्निः) सब प्रजा से बलि का ग्रहण करनेवाला वह विद्वान् (इषः, पृक्षश्च) जब क्रूर प्रजा से अन्न वा अन्य देय द्रव्य को (निग्रभे) नहीं पाता है, तब (उपविदा) स्व स्वामी के प्रति वेदन करके (येषाम्) जिनका देयभाग नहीं पाया, उनके (वसू, विन्दते) रत्नों को हर लेता है ॥३॥
Connotation: - इस मन्त्र का भाव यह है कि उपर्युक्त कर्मयोगी को जब प्रजाजन उसका देय आप नहीं देते, तब वह बलात् उनके धनों को हर लेता है अर्थात् जब वह यह देखता है कि प्रजाओं में यथोचित व्यवस्था नहीं, तब वह अपनी दण्डरूप शक्ति से दमनीय लोगों को दमन करके समता का शासन फैलाता है, जिससे प्रजाओं को अनेक प्रकार के कष्ट प्राप्त होते हैं, अतएव प्रजाओं को शासक को बलि देना अति आवश्यक है, जिससे किसी प्रकार का विरोध उत्पन्न न हो ॥३॥
Reads times

SHIV SHANKAR SHARMA

ईश्वरन्यायं दर्शयति।

Word-Meaning: - येषामुपद्रवकारिणाम्। ऋग्मियः=अर्चनीय ईश्वरः। आबाधः=आसमन्तात् बाधको भवति तेषाम्। इषोऽन्नानि। पृक्षश्च=अन्नादिरसांश्च। निग्रभे=निगृह्णाति। ततः=अन्यच्च। वह्निः=स्तुतीनां वोढा=स्तुतिपाठकः। उपविदाः=उपज्ञानेन ईशेन द्वारा। वसु=वसूनि। विन्दते=प्राप्नोति ॥३॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (आबाधः) आभिमुख्येन शत्रूणां बाधकः (ऋग्मियः) ऋग्भिरर्चनीयः (वह्निः) सर्वेभ्यो बलेर्वोढा सः (येषाम्) येषां क्रूरजनानाम् (इषः, पृक्षश्च) अन्नादि देयभागांश्च (निग्रभे) निगृह्णाति (उपविदा) स्वराजं प्रति वेदनेन (वसु, विन्दते) तेषां मुख्यरत्नं लभते बलात् ॥३॥