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त्मना॑ स॒मत्सु॑ हि॒नोत॑ य॒ज्ञं दधा॑त के॒तुं जना॑य वी॒रम् ॥६॥

English Transliteration

tmanā samatsu hinota yajñaṁ dadhāta ketuṁ janāya vīram ||

Pad Path

त्मना॑। स॒मत्ऽसु॑। हि॒नोत॑। य॒ज्ञम्। दधा॑त। के॒तुम्। जना॑य। वी॒रम् ॥६॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:34» Mantra:6 | Ashtak:5» Adhyay:3» Varga:25» Mantra:6 | Mandal:7» Anuvak:3» Mantra:6


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर कन्या विद्याप्राप्ति व्यवहार को बढ़ावें, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे कन्याओ ! जैसे (जनाय) राजा के लिये (समत्सु) संग्रामों में (वीरम्) पूरा करनेवाले जन को प्रेरणा देते हैं, वैसे (त्मना) अपने से (केतुम्) बुद्धि को (दधात) धारण करो और (यज्ञम्) सङ्ग करने योग्य विद्याबोध को (हिनोत) बढ़ाओ ॥६॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है । जैसे शूरवीर धीमान् बुद्धिमान् राजा पुरुष उत्तम यत्न से संग्रामों को विशेषता से जीतते हैं, वैसे कन्याओं को इन्द्रियाँ जीत और विद्याओं को पाकर विजय की विशेष भावना करनी चाहिये ॥६॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः कन्या विद्याप्राप्तिव्यवहारं वर्धयन्त्वित्याह ॥

Anvay:

हे कन्या ! यथा जनाय समत्सु वीरं प्रेरयन्ति तथा त्मना केतुं दधात यज्ञं हिनोत ॥६॥

Word-Meaning: - (त्मना) आत्मना (समत्सु) सङ्ग्रामेषु (हिनोत) वर्धयत (यज्ञम्) सङ्गन्तव्यं विद्याबोधम् (दधात) (केतुम्) प्रज्ञाम् (जनाय) राज्ञे (वीरम्) दोग्धारम् ॥६॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। यथा शूरवीरा धीमन्तो राजपुरुषाः प्रयत्नेन संग्रामान् विजयन्ते तथा कन्याभिरिन्द्रियाणि जित्वा विद्याः प्राप्य विजयो विभावनीयः ॥६॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जसे शूरवीर बुद्धिमान राजपुरुष प्रयत्नपूर्वक युद्ध जिंकतात, तसे कन्यांनी इंद्रियांना जिंकून विद्या प्राप्त करून विजय मिळवावा. ॥ ६ ॥