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तमु॑ त्वा पा॒थ्यो वृषा॒ समी॑धे दस्यु॒हन्त॑मम्। ध॒नं॒ज॒यं रणे॑रणे ॥१५॥

English Transliteration

tam u tvā pāthyo vṛṣā sam īdhe dasyuhantamam | dhanaṁjayaṁ raṇe-raṇe ||

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Pad Path

तम्। ऊँ॒ इति॑। त्वा॒। पा॒थ्यः। वृषा॑। सम्। ई॒धे॒। द॒स्यु॒हन्ऽत॑मम्। ध॒न॒म्ऽज॒यम्। रणे॑ऽरणे ॥१५॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:16» Mantra:15 | Ashtak:4» Adhyay:5» Varga:23» Mantra:5 | Mandal:6» Anuvak:2» Mantra:15


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मनुष्यों को क्या करना चाहिये, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जैसे (पाथ्यः) मार्गों में हुए (वृषा) वर्षानेवाले सूर्य्य के समान वीर्य्य का सींचनेवाला (दस्युहन्तमम्) डाकुओं को अतिशय मारनेवाले (रणेरणे) प्रत्येक संग्राम में (धनञ्जयम्) धन को जीते (तम्) उन (त्वा) आपको (सम्, ईधे) प्राप्त कराता है, वैसे आप मुझे को (उ) भी प्राप्त कराइये ॥१५॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! यदि आप लोग बिजुली की विद्या को प्राप्त होकर युद्ध करो तो आप लोगों का बहुत धन और ऐश्वर्य्यों का देनेवाला मैं बिजुली आदि से विजय कराऊँ ॥१५॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मनुष्यैः किं कर्त्तव्यमित्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यथा पाथ्यो वृषा दस्युहन्तमं रणेरणे धनञ्जयं तं त्वा समीधे तथा त्वं मामु समीधय ॥१५॥

Word-Meaning: - (तम्) (उ) (त्वा) त्वाम् (पाथ्यः) पथिषु भवः (वृषा) वर्षकस्सूर्य्य इव वीर्य्यसेचकः (सम्) (ईधे) प्रापयति (दस्युहन्तमम्) यो दस्यूनतिशयेन हन्ति तम् (धनञ्जयम्) धनं जयति तम् (रणेरणे) सङ्ग्रामे सङ्ग्रामे ॥१५॥
Connotation: - हे मनुष्या ! यदि यूयं विद्युद्विद्यां प्राप्य युध्यध्वं तर्हि युष्माकं बहुधनैश्वर्य्यप्रदोऽहं विद्युदादिना विजयं कारयेयम् ॥१५॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे माणसांनो ! जर तुम्ही विद्युत विद्या प्राप्त करून युद्ध केल्यास तुम्हाला पुष्कळ धन व ऐश्वर्य देणारा मी विद्युत इत्यादींनी विजय मिळवून देईन. ॥ १५ ॥