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व॒धेन॒ दस्युं॒ प्र हि चा॒तय॑स्व॒ वयः॑ कृण्वा॒नस्त॒न्वे॒३॒॑ स्वायै॑। पिप॑र्षि॒ यत्स॑हसस्पुत्र दे॒वान्त्सो अ॑ग्ने पाहि नृतम॒ वाजे॑ अ॒स्मान् ॥६॥

English Transliteration

vadhena dasyum pra hi cātayasva vayaḥ kṛṇvānas tanve svāyai | piparṣi yat sahasas putra devānt so agne pāhi nṛtama vāje asmān ||

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Pad Path

व॒धेन॑। दस्यु॑म्। प्र। हि चा॒तय॑स्व। वयः॑। कृ॒ण्वा॒नः। त॒न्वे॑। स्वायै॑। पिप॑र्षि। यत्। स॒ह॒सः॒। पु॒त्र॒। दे॒वान्। सः। अ॒ग्ने॒। पा॒हि॒। नृ॒ऽत॒म॒। वाजे॑। अ॒स्मान् ॥६॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:4» Mantra:6 | Ashtak:3» Adhyay:8» Varga:19» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:1» Mantra:6


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (सहसः, पुत्र) बलवान् के पुत्र (नृतम) अतिशय मुख्य (अग्ने) अग्नि के सदृश प्रतापी राजन् ! (यत्) जो आप (स्वायै) अपने (तन्वे) शरीर के लिये (वयः) जीवन को (कृण्वानः) करते हुए (वधेन) वध से (दस्युम्) साहस कर्मकारी चोर का (प्र, चातयस्व) अत्यन्त नाश करो वा नाश कराओ तथा प्रजाओं को (हि) ही (पिपर्षि) प्रसन्न करते हो (सः) वह आप (वाजे) सङ्ग्रामों में (अस्मान्) हम लोगों (देवान्) विद्वानों की (पाहि) रक्षा कीजिये ॥६॥
Connotation: - हे राजन् ! आप सदा चोर डाकुओं का नाश कर धार्मिकों का पालन करें और शत्रुओं को जीतें ॥६॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे सहसस्पुत्र नृतमाग्ने राजन् ! यद्यस्त्वं स्वायै तन्वे वयः कृण्वानस्सन् वधेन दस्युं प्र चातयस्व। प्रजा हि पिपर्षि स त्वं वाजेऽस्मान् देवान् पाहि ॥६॥

Word-Meaning: - (वधेन) (दस्युम्) साहसिकं चोरम् (प्र) (हि) (चातयस्व) हिंसय हिंधि वा (वयः) जीवनम् (कृण्वानः) (तन्वे) शरीराय (स्वायै) स्वकीयाय (पिपर्षि) (यत्) यः (सहसः, पुत्र) बलिष्ठस्य पुत्र (देवान्) विदुषः (सः) (अग्ने) (पाहि) रक्ष (नृतम) अतिशयेन नायक (वाजे) सङ्ग्रामे (अस्मान्) ॥६॥
Connotation: - हे राजन् ! त्वं सदा दस्यून् हत्वा धार्मिकान् पालयेः शत्रून् विजयस्व ॥६॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे राजा ! तू सदैव चोर व दस्यूंचा नाश करून धार्मिकांचे पालन कर व शत्रूंना जिंक. ॥ ६ ॥