Go To Mantra

उदु॑ ष्टु॒तः स॒मिधा॑ य॒ह्वो अ॑द्यौ॒द्वर्ष्म॑न्दि॒वो अधि॒ नाभा॑ पृथि॒व्याः। मि॒त्रो अ॒ग्निरीड्यो॑ मात॒रिश्वा ऽऽदू॒तो व॑क्षद्य॒जथा॑य दे॒वान्॥

English Transliteration

ud u ṣṭutaḥ samidhā yahvo adyaud varṣman divo adhi nābhā pṛthivyāḥ | mitro agnir īḍyo mātariśvā dūto vakṣad yajathāya devān ||

Mantra Audio
Pad Path

उत्। ऊँ॒ इति॑। स्तु॒तः। स॒म्ऽइधा॑। य॒ह्वः। अ॒द्यौ॒त्। वर्ष्म॑न्। दि॒वः। अधि॑। नाभा॑। पृ॒थि॒व्याः। मि॒त्रः। अ॒ग्निः। ईड्यः॑। मा॒त॒रिश्वा॑। आ। दू॒तः। व॒क्ष॒त्। य॒जथा॑य। दे॒वान्॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:5» Mantra:9 | Ashtak:2» Adhyay:8» Varga:25» Mantra:4 | Mandal:3» Anuvak:1» Mantra:9


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - हे विद्वान् ! जैसे (ईड्यः) स्तुति करने योग्य (अग्निः) अग्नि (समिधा) समिधा से (वर्ष्मन्) सेचन के विषय में (दिवः) प्रकाश और (पृथिव्याः) भूमि के (नाभा) बीच में (उत्, अद्यौत्) उदय होता है वा जो (मातरिश्वा) अन्तरिक्ष में सोनेवाला (दूतः) दूत के समान होता हुआ (यजथाय) संगम करनेवाले के लिये (देवान्) दिव्य गुणों को (अधिवक्षत्) अधिकता से प्राप्त करे (उ) वैसे ही (स्तुतः) प्रशंसा को प्राप्त हुआ (यह्वः) महान् (ईड्यः) स्तुति करने योग्य (मित्रः) मित्र हो ॥९॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जैसे इस ब्रह्माण्ड में सूर्य्यरूप से अग्नि सबको तपाता है, वैसे महान् मित्र अपने मित्रों को आनन्दित करता और दिव्य गुणों की प्राप्ति कराता है ॥९॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह।

Anvay:

हे विद्वन् यथेड्योऽग्निः समिधा वर्ष्मन् दिवः पृथिव्या नाभा उदद्यौत् यो मातरिश्वा दूतस्सन् यजथाय देवानधि वक्षत्तथा उ स्तुतो यह्व ईड्यो मित्रो भवेत् ॥९॥

Word-Meaning: - (उत्) (उ) (स्तुतः) प्रशंसितः (समिधा) (यह्वः) महान् (अद्यौत्) द्योतते (वर्ष्मन्) सेचने (दिवः) प्रकाशस्य (अधि) (नाभा) मध्ये (पृथिव्याः) भूमेः अन्वेषणीयः (मित्रः) सखा (अग्निः) वह्निः (ईड्यः) स्तोतव्यः (मातरिश्वा) यो मातरि श्वसिति (आ) (दूतः) दूत इव (वक्षत्) वहेत् (यजथाय) यजनाय सङ्गमनाय (देवान्) दिव्यगुणान् ॥९॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। यथाऽस्मिन्ब्रह्माण्डे सूर्य्यरूपेणाग्निः सर्वान् तापयति तथा महान्सखा सखीनानन्दयति दिव्यान् गुणाँश्च प्रापयति ॥९॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जसा या ब्रह्मांडात सूर्यरूपाने अग्नी सर्वांना तापवितो तसा महान मित्र आपल्या मित्रांना आनंदित करतो व दिव्य गुणांची प्राप्ती करवितो. ॥ ९ ॥