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स ईं॒ वृषा॑जनय॒त्तासु॒ गर्भं॒ स ईं॒ शिशु॑र्धयति॒ तं रि॑हन्ति। सो अ॒पां नपा॒दन॑भिम्लातवर्णो॒ऽन्यस्ये॑वे॒ह त॒न्वा॑ विवेष॥

English Transliteration

sa īṁ vṛṣājanayat tāsu garbhaṁ sa īṁ śiśur dhayati taṁ rihanti | so apāṁ napād anabhimlātavarṇo nyasyeveha tanvā viveṣa ||

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Pad Path

सः। ई॒म्। वृषा॑। अ॒ज॒न॒य॒त्। तासु॑। गर्भ॑म्। सः। ई॒म्। शिशुः॑। ध॒य॒ति॒। तम्। रि॒ह॒न्ति॒। सः। अ॒पाम्। नपा॑त्। अन॑भिम्लातऽवर्णः। अ॒न्यस्य॑ऽइव। इ॒ह। त॒न्वा॑। वि॒वे॒ष॒॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:35» Mantra:13 | Ashtak:2» Adhyay:7» Varga:24» Mantra:3 | Mandal:2» Anuvak:4» Mantra:13


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब इस जगत् में कौन लोग सुख पाते हैं, इस विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - (सः) वह (वृषा) वर्षा करनेवाला अग्नि (तासु) उन जलों में (ईम्) ही (गर्भम्) गर्भ को (अजनयत्) उत्पन्न करता है और (सः) वह (शिशुः) बालक (ईम्) ही (धयति) पीता है (तम्) उसको और (रिहन्ति) चाटते हैं (सः) वह (अपाम्) जलों के बीच (अनभिम्लातवर्णः) जिसका वर्ण सब ओर से क्षीण न हो (नपात्) सन्तान (अन्यस्येव) जैसे और के शरीर में प्रविष्ट होता वैसे ही (इह) इस संसार में (तन्वा) शरीर के साथ (विवेष) व्याप्त होता है ॥१३॥
Connotation: - जो पुरुष अपनी स्त्री में गर्भ धारण कर सन्तान को उत्पन्न वा पालन कर और स्वादिष्ट अन्न खाय शरीर की प्रसन्नाकृति से चेष्टा करते हैं, वे इस संसार में सुखों को प्राप्त होते हैं ॥१३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ केऽत्र सुखमाप्नुवन्तीत्याह।

Anvay:

स वृषा तास्वीं गर्भमजनयत्स शिशुरीं धयति तमन्ये रिहन्ति सोऽपामनभिम्लातवर्णो नपादन्यस्येवेह तन्वा विवेष ॥१३॥

Word-Meaning: - (सः) (ईम्) जलम् (वृषा) वर्षकः (अजनयत्) जनयति (तासु) अप्सु (गर्भम्) (सः) (ईम्) दुग्धम् (शिशुः) बालकः (धयति) पिबति (तम्) पदार्थम् (रिहन्ति) लिहन्ति आस्वादन्ते। अत्र व्यत्ययेन रस्य लः (सः) (अपाम्) जलानाम् (नपात्) अपत्यम्। नपादित्यपत्यनाम निघं० २। २। (अनभिम्लातवर्णः) न विद्यतेऽभितो म्लातो हर्षक्षीणो वर्णो यस्य सः (अन्यस्येव) यथा अन्यशरीरे प्रविशति तथा (इह) अस्मिन्संसारे (तन्वा) शरीरेण (विवेष) व्याप्नोति ॥१३॥
Connotation: - ये पुरुषाः स्वस्यां स्त्रियां गर्भं धृत्वाऽपत्यमुत्पाद्य सम्पाल्य स्वादिष्ठमन्नमभिभोज्य प्रसन्नाकृतिं सम्पादयन्ति तेऽस्मिन्संसारे सुखान्याप्नुवन्ति ॥१३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जे पुरुष आपल्या स्त्रीपासून गर्भ धारण करून सन्तान उत्पन्न करतात किंवा पालन करतात व स्वादिष्ट अन्न खाऊन शरीर धडधाकट ठेवण्याचा प्रयत्न करतात ते या जगात सुख प्राप्त करतात. ॥ १३ ॥