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यथे॒यं पृ॑थि॒वी म॒ही दा॒धारे॒मान्वन॒स्पती॑न् । ए॒वा दा॑धार ते॒ मनो॑ जी॒वात॑वे॒ न मृ॒त्यवेऽथो॑ अरि॒ष्टता॑तये ॥

English Transliteration

yatheyam pṛthivī mahī dādhāremān vanaspatīn | evā dādhāra te mano jīvātave na mṛtyave tho ariṣṭatātaye ||

Pad Path

यथा॑ । इ॒यम् । पृ॒थि॒वी । म॒ही । दा॒धार॑ । इ॒मान् । वन॒स्पती॑न् । ए॒व । दा॒धा॒र॒ । ते॒ । मनः॑ । जी॒वात॑वे । न । मृ॒त्यवे॑ । अथो॒ इति॑ । अ॒रि॒ष्टऽता॑तये ॥ १०.६०.९

Rigveda » Mandal:10» Sukta:60» Mantra:9 | Ashtak:8» Adhyay:1» Varga:25» Mantra:3 | Mandal:10» Anuvak:4» Mantra:9


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (यथा-इयं मही पृथिवी-इमान् वनस्पतीन् दाधार) जैसे यह महती पृथिवी इन वृक्षादि वनस्पतियों को धारण करती है (एवा दाधार ते……) आगे पूर्ववत् ॥९॥
Connotation: - यह महत्त्वपूर्ण-महती पृथिवी ओषधि वनस्पतियों को जैसे संभालती है, ऐसे ही चिकित्सक को भी रोगी के मन को शरीर में दृढ़रूप से धैर्य देकर स्थिर करना चाहिए तथा ओषधियों से उसके मन को शान्त करना चाहिए। उसके जीवित रहने का यत्न करना चाहिए ॥९॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (यथा इयं मही पृथिवी इमान् वनस्पतीन् दाधार) यथा हीयं महती पृथिवी वनस्पतीन् वृक्षादीन् धारयति (एवा दाधार ते……) अग्रे पूर्ववत् ॥९॥