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ते हि वस्वो॒ वस॑वाना॒स्ते अप्र॑मूरा॒ महो॑भिः। व्र॒ता र॑क्षन्ते वि॒श्वाहा॑ ॥

English Transliteration

te hi vasvo vasavānās te apramūrā mahobhiḥ | vratā rakṣante viśvāhā ||

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Pad Path

ते। हि। वस्वः॑। वस॑वानाः। ते। अप्र॑ऽमूराः। महः॑ऽभिः। व्र॒ता। र॒क्ष॒न्ते॒। वि॒श्वाहा॑ ॥

Rigveda » Mandal:1» Sukta:90» Mantra:2 | Ashtak:1» Adhyay:6» Varga:17» Mantra:2 | Mandal:1» Anuvak:14» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वे विद्वान् कैसे होकर क्या करें, यह विषय अगले मन्त्र में कहा है ॥

Word-Meaning: - (ते) वे पूर्वोक्त विद्वान् लोग (वसवानाः) अपने गुणों से सबको ढाँपते हुए (हि) निश्चय से (महोभिः) प्रशंसनीय गुण और कर्मों से (विश्वाहा) सब दिनों में (वस्वः) धन आदि पदार्थों की (रक्षन्ते) रक्षा करते हैं तथा जो (अप्रमूराः) मूढ़त्वप्रमादरहित धार्मिक विद्वान् हैं (ते) वे प्रशंसनीय गुण कर्मों से सब दिन (व्रता) सत्यपालन आदि नियमों को रखते हैं ॥ २ ॥
Connotation: - विद्वानों के विना किसी से धन और धर्मयुक्त आचार रक्खे नहीं जा सकते। इससे सब मनुष्यों को नित्य विद्याप्रचार करना चाहिये, जिससे सब मनुष्य विद्वान् होके धार्मिक हों ॥ २ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्ते विद्वांसः कथंभूत्वा किं कुर्य्युरित्युपदिश्यते ॥

Anvay:

ते पूर्वोक्ता वसवाना हि महोभिर्विश्वाहा विश्वाहानि वस्वो रक्षन्ते। ये अप्रमूरा धार्मिकास्ते महोभिर्विश्वाहानि व्रता रक्षन्ते ॥ २ ॥

Word-Meaning: - (ते) (हि) खलु (वस्वः) वसूनि द्रव्याणि। वा च्छन्दसि सर्वे विधयो भवन्तीति नुमभावे। जसादिषु छन्दसि वा वचनमिति गुणाभावे च यणादेशः। (वसवानाः) स्वगुणैः सर्वानाच्छादयन्तः। अत्र बहुलं छन्दसीति शपो लुङ् न शानचि व्यत्ययेन मकारस्य वकारः। (ते) (अप्रमूराः) मूढत्वरहिता धार्मिकाः। अत्रापि वर्णव्यत्येन ढस्य स्थाने रेफादेशः। (महोभिः) महद्भिर्गुणकर्मभिः (व्रता) सत्यपालननियतानि व्रतानि (रक्षन्ते) व्यत्ययेनात्मनेपदम् (विश्वाहा) सर्वदिनानि ॥ २ ॥
Connotation: - नहि विद्वद्भिर्विना केनचिद्धनानि धर्माचरणानि च रक्षितुं शक्यन्ते, तस्मात् सर्वैर्मनुष्यैर्नित्यं विद्या प्रचारणीया यतः सर्वे विद्वांसो भूत्वा धार्मिका भवेयुरिति ॥ २ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - विद्वानांशिवाय कुणालाही धन व धर्माचरणाचे रक्षण करता येऊ शकत नाही. त्यामुळे सर्व माणसांनी नित्य विद्याप्रचार करावा, ज्यामुळे सर्व माणसे विद्वान बनून धार्मिक व्हावीत ॥ २ ॥