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स्यो॒ना पृ॑थिवि नो भवानृक्ष॒रा नि॒वेश॑नी। यच्छा॑ नः॒ शर्म॑ स॒प्रथाः॑। अप॑ नः॒ शोशु॑चद॒घम् ॥२१ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

स्यो॒ना। पृ॒थि॒वि॒। नः॒। भ॒व॒। अ॒नृ॒क्ष॒रा। नि॒वेश॒नीति॑ नि॒ऽवेश॑नी ॥ यच्छ॑। नः॒। शर्म्म॑। स॒प्रथा॒ इति॑ स॒प्रथाः॑। अपः॑। नः॒। शो॒शु॒च॒त्। अ॒घम् ॥२१ ॥

यजुर्वेद » अध्याय:35» मन्त्र:21


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हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती

कुलीन स्त्री कैसी होवे, इस विषय को अगले मन्त्र में कहा है ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे (पृथिवि) भूमि के तुल्य वर्त्तमान क्षमाशील स्त्री ! तू जैसे (अनृक्षरा) कण्टक आदि से रहित (निवेशनी) बैठने का आधार भूमि (स्योना) सुख करनेवाली होती, वैसे (नः) हमारे लिये (भव) हो तू (सप्रथाः) अत्यन्त प्रशंसा के साथ वर्त्तमान हुई (नः) हमारे लिये (शर्म) सुख को (यच्छ) दे, जैसे न्यायाधीश (नः) हमारे (अघम्) पाप को (अप, शोशुचत्) शीघ्र दूर करे वा शुद्ध करे, वैसे तू अपराध को दूर कर ॥२१ ॥
भावार्थभाषाः - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जो स्त्री पृथिवी के तुल्य क्षमा करनेवाली क्रूरता आदि दोषों से अलग बहुत प्रशंसित दूसरों के दोषों का निवारण करनेहारी है, वही घर के कार्यों में योग्य होती है ॥२१ ॥
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संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती

गृहिणी कीदृशी स्यादित्याह ॥

अन्वय:

(स्योना) सुखकारी (पृथिवि) भूमिरिव वर्त्तमाने (नः) अस्मभ्यम् (भव) (अनृक्षरा) निष्कण्टका (निवेशनी) निविशन्ते यस्यां सा (यच्छ) देहि। अत्र द्व्यचोऽतस्तिङः [अ०६.३.१३५] इति दीर्घः। (नः) अस्मभ्यम् (शर्म) सुखम् (सप्रथाः) विस्तीर्णेन प्रशंसनेन सह वर्त्तमानाः (अप) दूरीकरणे (नः) अस्माकम् (शोशुचत्) भृशं शोधयतु (अघम्) पापम् ॥२१ ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे पृथिवि भूमिरिव वर्त्तमाने स्त्रि ! त्वं यथाऽनृक्षरा निवेशनी भूमिः स्योना भवति, तथा नो भव। सप्रथाः सती नश्शर्म्म यच्छ, यथा न्यायेशो नोऽघमपशोशुचत् तथाऽपराधं दूरं गमय ॥२१ ॥
भावार्थभाषाः - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। या स्त्री पृथिवीवत् क्षमाशीला क्रूरतादोषरहिता बहुप्रशंसिता अन्येषामपि दोषनिवारिका भवति, सैव गृहकृत्ये योग्या भवति ॥२१ ॥
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मराठी - माता सविता जोशी

(यह अनुवाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आधार पर किया गया है।)
भावार्थभाषाः - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जी स्री पृथ्वीप्रमाणे क्षमाशील, क्रूरता इत्यादी दोषांपासून दूर प्रशंसा करण्यायोग्य, दुसऱ्यांचे दोष नाहीसे करणारी असते तीच गृहकार्य योग्यरित्या पार पाडू शकते.