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यत्ते॑ सा॒दे मह॑सा॒ शूकृ॑तस्य॒ पार्ष्ण्या॑ वा॒ कश॑या वा तु॒तोद॑। स्रु॒चेव॒ ता ह॒विषो॑ऽअध्व॒रेषु॒ सर्वा॒ ता ते॒ ब्रह्म॑णा सूदयामि ॥४० ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

यत्। ते॒। सा॒दे। मह॑सा। शूकृ॑तस्य। पार्ष्ण्या॑। वा॒। कश॑या। वा॒। तु॒तोद॑। स्रु॒चेवे॑ति सु॒चाऽइ॑व। ता। ह॒विषः॒। अ॒ध्व॒रेषु॑। सर्वा॑। ता। ते॒। ब्रह्म॑णा। सू॒द॒या॒मि॒ ॥४० ॥

यजुर्वेद » अध्याय:25» मन्त्र:40


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हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे विद्वन् ! (ते) आप के (सादे) बैठने के स्थान में (महसा) बड़प्पन से (वा) अथवा (शूकृतस्य) जल्दी सिखाये हुए घोड़े के (कशया) कोड़े से (यत्) जिस कारण (पार्ष्ण्या) पसुली आदि स्थान (वा) वा कक्षाओं में जो उत्तम ताड़ना आदि काम वा (तुतोद) साधारण ताड़ना देना (ता) उन सब को (अध्वरेषु) यज्ञों में (हविषः) होमने योग्य पदार्थ सम्बन्धी (स्रुचेव) जैसे स्रुचा प्रेरणा देती वैसे करते हो (ता) वे (सर्वा) सब काम (ते) तेरे लिये (ब्रह्मणा) धन से (सूदयामि) प्राप्त करता हूँ ॥४० ॥
भावार्थभाषाः - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है। जैसे यज्ञ के साधनों से होमने योग्य पदार्थों को अग्नि में प्रेरणा देते हैं, वैसे ही घोड़े आदि पशुओं को अच्छी सिखावट की रीति से प्रेरणा देवें ॥४० ॥
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संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

अन्वय:

(यत्) यतः (ते) तव (सादे) स्थित्यधिकरणे (महसा) महत्त्वेन (शूकृतस्य) शीघ्रं शिक्षितस्य। श्विति क्षिप्रनामसु पठितम् ॥ (निघं०२.१५) (पार्ष्ण्या) पार्ष्णिषु कक्षासु साधूनि (वा) (कशया) ताडनसाधनेन (वा) (तुतोद) तुद्यात् (स्रुचेव) यथा स्रुचा प्रेरयन्ति तथा (ता) तानि (हविषः) होतमुमर्हस्य (अध्वरेषु) अहिंसनीयेषु यज्ञेषु (सर्वा) सर्वाणि (ता) तानि (ते) तुभ्यम् (ब्रह्मणा) धनेन (सूदयामि) प्रापयामि ॥४० ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे विद्वँस्ते सादे महसा शूकृतस्य कशया वा यत्पार्ष्ण्या वा तुतोद ता तान्यध्वरेषु हविषः स्रुचेव करोषि ता सर्वा ते ब्रह्मणाऽहं सूदयामि ॥४० ॥
भावार्थभाषाः - अत्रोपमालङ्कारः। यथा यज्ञसाधनैर्हवींष्यग्नौ प्रेरयन्ति तथैवाश्वादीनि सुशिक्षारीत्या प्रेरयेयुः ॥४० ॥
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मराठी - माता सविता जोशी

(यह अनुवाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आधार पर किया गया है।)
भावार्थभाषाः - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जसे यज्ञात आहुती टाकल्याने अग्नी उत्तेजित होतो तसे घोडे वगैरे पशूंना प्रशिक्षित करून उत्तेजित करावे.