हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती
अब विद्वद्विषय में सामयिक रक्षा विषय और भैषज्यादि विषय को अगले मन्त्र में कहा है ॥
संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती
अथ विद्वद्विषये सामयिकं रक्षादिविषयं भैषज्यादिविषयमाह ॥
(पातम्) रक्षतम् (नः) अस्मान् (अश्विना) अध्यापकोपदेशकौ (दिवा) दिवसे (पाहि) रक्ष (नक्तम्) रात्रौ (सरस्वति) बहुविद्यायुक्त मातः (दैव्या) दिव्यगुणसम्पन्नौ (होतारा) सर्वस्य सुखदातारौ (भिषजा) वैद्यौ (पातम्) रक्षतम् (इन्द्रम्) ऐश्वर्यप्रदं सोमरसम् (सचा) समवेतौ (सुते) उत्पन्नेऽस्मिञ्जगति ॥६२ ॥