हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती
आप्त विद्वानों को क्या करना चाहिये, इस विषय का उपदेश अगले मन्त्र में किया है ॥
संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती
आप्तैर्विद्वद्भिः किं कार्य्यमित्याह ॥
(अग्ने) विद्याप्रकाशकोपदेशक (पावक) जनान्तःकरणशोधक ! (रोचिषा) प्रकाशेन (मन्द्रया) आनन्दसाधिकया (देव) कमनीय (जिह्वया) सत्यप्रियया वाचा (आ) (देवान्) विदुषो दिव्यगुणान् वा (वक्षि) उपदिशसि (यक्षि) संगच्छसे। अत्र बहुलं छन्दसि [अष्टा०२.४.७३] इति शपो लुक् (च) ॥८ ॥