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नमः॒ कूप्या॑य चाव॒ट्या᳖य च॒ नमो॒ वीध्र्या॑य चात॒प्या᳖य च॒ नमो॒ मेघ्या॑य च विद्यु॒त्या᳖य च॒ नमो॒ वर्ष्या॑य चाव॒र्ष्याय॑ च ॥३८ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

नमः॑। कूप्या॑य। च॒। अ॒व॒ट्या᳖य। च॒। नमः॑। वीध्र्या॒येति॑ वि॒ऽईध्र्या॑य। च॒। आ॒त॒प्या᳖येत्याऽत॒प्या᳖य। च॒। नमः॑। मेघ्या॑य। च॒। वि॒द्यु॒त्या᳖येति॑ विऽद्यु॒त्या᳖य। च॒। नमः॑। वर्ष्या॑य। च॒। अ॒व॒र्ष्याय॑। च॒ ॥३८ ॥

यजुर्वेद » अध्याय:16» मन्त्र:38


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हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती

फिर वही विषय अगले मन्त्र में कहा है ॥

पदार्थान्वयभाषाः - मनुष्य लोग (कूप्याय) कूप के (च) और (अवट्याय) गड्ढों (च) तथा जङ्गलों के जीवों को (नमः) अन्नादि दे (च) और (वीध्र्याय) विविध प्रकाशों में रहने (च) और (आतप्याय) घाम में रहनेवाले वा (च) खेती आदि के प्रबन्ध करनेवाले को (नमः) अन्न दे (मेघ्याय) मेघ में रहने (च) और (विद्युत्याय) बिजुली से काम लेनेवाले को (च) तथा अग्निविद्या के जाननेवाले को (नमः) अन्नादि दे (च) और (वर्ष्याय) वर्षा में रहने (च) तथा (अवर्ष्याय) वर्षारहित देश में वसनेवाले का (नमः) सत्कार करके आनन्दित होवें ॥३८ ॥
भावार्थभाषाः - जो मनुष्य कूपादि से कार्यसिद्धि होने के लिये भृत्यों का सत्कार करें तो अनेक उत्तम-उत्तम कार्यों को सिद्ध कर सकें ॥३८ ॥
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संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

अन्वय:

(नमः) अन्नादिकम् (कूप्याय) कूपे भवाय (च) (अवट्याय) अवटेषु गर्त्तेषु भवाय (च) जङ्गलेषु भवाय (नमः) सस्यादिकम् (वीध्र्याय) विविधेषु ईधेषु दीपनेषु भवाय, अत्र विपूर्वकादिन्धिधातोरौणादिको रक् प्रत्ययः। (च) (आतप्याय) आतपेषु भवाय (च) कृष्यादेः प्रबन्धकर्त्रे (नमः) अन्नादिकम् (मेघ्याय) मेघेषु भवाय (च) (विद्युत्याय) विद्युति भवाय (च) अग्निविद्याविदे (नमः) सत्कारक्रियाम् (वर्ष्याय) वर्षासु भवाय (च) (अवर्ष्याय) अविद्यमानासु वर्षासु भवाय (च) ॥३८ ॥

पदार्थान्वयभाषाः - मनुष्याः कूप्याय चावट्याय च नमो वीध्र्याय चातप्याय च नमो मेघ्याय च विद्युत्याय च नमो वर्ष्याय चावर्ष्याय च नमो दत्त्वा कृत्वा चानन्दन्तु ॥३८ ॥
भावार्थभाषाः - यदि मनुष्याः कूपादिभ्यः कार्यसिद्धये भृत्यान् सत्कुर्युस्तर्ह्यनेकान्युत्तमानि कार्याणि कर्त्तुं शक्नुयुः ॥३८ ॥
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मराठी - माता सविता जोशी

(यह अनुवाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आधार पर किया गया है।)
भावार्थभाषाः - जी माणसे विहिरी इत्यादींचे बांधकाम करणाऱ्या नोकरांचा सत्कार करतात ती अनेक चांगली कामे करू शकतात.