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अथर्ववेद में सूक्त-३३ के 3 संदर्भ मिले

देवता : हरिः ऋषि : अष्टकः छन्द : त्रिष्टुप् स्वर : सूक्त-३३

प्रोग्रां पीतिं वृष्ण इयर्मि सत्यां प्रयै सुतस्य हर्यश्व तुभ्यम्। इन्द्र धेनाभिरिह मादयस्व धीभिर्विश्वाभिः शच्या गृणानः ॥