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अथर्ववेद में सूक्त-३० के 5 संदर्भ मिले

देवता : हरिः ऋषि : बरुः सर्वहरिर्वा छन्द : जगती स्वर : सूक्त-३०

सो अस्य वज्रो हरितो य आयसो हरिर्निकामो हरिरा गभस्त्योः। द्युम्नी सुशिप्रो हरिमन्युसायक इन्द्रे नि रूपा हरिता मिमिक्षिरे ॥