वांछित मन्त्र चुनें

म॒घोन॒ आ प॑वस्व नो ज॒हि विश्वा॒ अप॒ द्विष॑: । इन्दो॒ सखा॑य॒मा वि॑श ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

maghona ā pavasva no jahi viśvā apa dviṣaḥ | indo sakhāyam ā viśa ||

पद पाठ

म॒घोनः॑ । आ । प॒व॒स्व॒ । नः॒ । ज॒हि । विश्वाः॑ । अप॑ । द्विषः॑ । इन्दो॒ इति॑ । सखा॑यम् । आ । वि॒श॒ ॥ ९.८.७

ऋग्वेद » मण्डल:9» सूक्त:8» मन्त्र:7 | अष्टक:6» अध्याय:7» वर्ग:31» मन्त्र:2 | मण्डल:9» अनुवाक:1» मन्त्र:7


बार पढ़ा गया

आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (इन्दो) हे परमैश्वर्यवाले परमात्मन् ! आप (मघोनः) हमको ऐश्वर्यसम्पन्न करें (आ, पवस्व) और सब प्रकार से पवित्र करें (विश्वा) सब (अप, द्विषः) दुष्टों का नाश करें और (सखायम् आविश) सज्जनों को सर्वत्र फैलायें ॥७॥
भावार्थभाषाः - परमात्मा उपदेश करता है कि हे पुरुषों ! तुम इस प्रकार के प्रार्थनारूप भाव को हृदय में उत्पन्न करो कि तुम्हारे सत्कर्मी सज्जनों की रक्षा हो और दुष्टों का नाश हो ॥७॥
बार पढ़ा गया

आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (इन्दो) हे परमैश्वर्यसम्पन्न परमात्मन् ! भवान् (नः, मघोनः) अस्मान्विविधधनवतः कुरुताम् (आ, पवस्व) सर्वथा पावयतु च (विश्वा) सर्वान् (अप, द्विषः) दुष्टान् अपहन्तु तथा (सखायम्) सज्जनान् (आविश) सर्वत्र तनोतु च ॥७॥