वांछित मन्त्र चुनें

य इ॒मे रोद॑सी म॒ही सं मा॒तरे॑व॒ दोह॑ते । मदे॑षु सर्व॒धा अ॑सि ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

ya ime rodasī mahī sam mātareva dohate | madeṣu sarvadhā asi ||

पद पाठ

यः । इ॒मे इति॑ । रोद॑सी॒ इति॑ । म॒ही इति॑ । सम् । मा॒तरा॑ऽइव । दोह॑ते । मदे॑षु । स॒र्व॒ऽधाः । अ॒सि॒ ॥ ९.१८.५

ऋग्वेद » मण्डल:9» सूक्त:18» मन्त्र:5 | अष्टक:6» अध्याय:8» वर्ग:8» मन्त्र:5 | मण्डल:9» अनुवाक:1» मन्त्र:5


बार पढ़ा गया

आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (यः) जो परमेश्वर (मातरा इव) जीवों की माता के समान (इमे मही रोदसी) इस महान् आकाश और पृथिवीलोक से (सम् दोहते) दूध के समान नाना प्रकार के धन रत्नादिकों को दुहता है (मदेषु) वही परमात्मा हर्षयुक्त वस्तुओं में (सर्वधाः) सब प्रकार की शोभा को धारण करानेवाला (असि) है ॥५॥
भावार्थभाषाः - माता शब्द यहाँ उपलक्षणमात्र है, वास्तव में भाव यह है कि जीवों की माता-पिता के समान जो पृथिवीलोक और द्युलोक हैं, इनसे नानाविध भोग पैदा करनेवाला एकमात्र परमात्मा ही है, कोई अन्य नहीं ॥५॥
बार पढ़ा गया

आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (यः) यः परमात्मा (मातरा इव) जीवानां मातेव (इमे मही रोदसी) आभ्यां महद्भ्यां द्युलोकपृथिवीलोकाभ्यां (सम् दोहते) पय इव नानाविधधनरत्नानि दोग्धि स एव (मदेषु) हर्षयुक्तसर्ववस्तुषु (सर्वधाः) सर्वविधशोभानां धारकः (असि) अस्ति ॥५॥