अ॒स्मे वो॑ऽअस्त्विन्द्रि॒यम॒स्मे नृ॒म्णमु॒त क्रतु॑र॒स्मे वर्चा॑सि सन्तु वः। नमो॑ मा॒त्रे पृ॑थि॒व्यै नमो॑ मा॒त्रे पृ॑थि॒व्याऽइ॒यं ते॒ राड्य॒न्तासि॒ यम॑नो ध्रु॒वो᳖ऽसि ध॒रुणः॑। कृ॒ष्यै त्वा॒ क्षेमाय॑ त्वा र॒य्यै त्वा॒ पोषा॑य त्वा ॥२२॥
अ॒स्मेऽइत्य॒स्मे। वः। अ॒स्तु॒। इ॒न्द्रि॒यम्। अ॒स्मेऽइत्य॒स्मे। नृ॒म्णम्। उ॒त। क्रतुः॑। अ॒स्मेऽइत्य॒स्मे। वर्चा॑सि। स॒न्तु॒। वः॒। नमः॑। मा॒त्रे। पृ॒थि॒व्यै। नमः॑। मा॒त्रे। पृ॒थि॒व्यै। इ॒यम्। ते॒। राट्। य॒न्ता। अ॒सि॒। यम॑नः। ध्रु॒वः। अ॒सि॒। ध॒रुणः॑। कृ॒ष्यै। त्वा॒। क्षेमा॑य। त्वा॒। र॒य्यै। त्वा॒। पोषा॑य। त्वा॒ ॥२२॥