Go To Mantra

दे॒वीऽ उ॒षासा॒नक्तेन्द्रं॑ य॒ज्ञे प्र॑य॒त्य᳖ह्वेताम्। दैवी॒र्विशः॒ प्राया॑सिष्टा॒ सुप्री॑ते॒ सुधि॑ते वसु॒वने॑ वसु॒धेय॑स्य वीतां॒ यज॑ ॥१४ ॥

Mantra Audio
Pad Path

दे॒वी इति॑ दे॒वी। उ॒षासा॒नक्ता॑। उ॒षसा॒नक्तेन्यु॒षसा॒ऽनक्ता॑। इन्द्र॑म्। य॒ज्ञे। प्र॒य॒तीति॑। प्रऽय॒ति। अ॒ह्वे॒ता॒म्। दैवीः॑। विशः॑। प्र। अ॒या॒सि॒ष्टा॒म्। सुप्री॑ते॒ इति॒ सुऽप्री॑ते। सुधि॑ते॒ इति॒ सुऽधि॑ते॒। व॒सु॒वन॒ इति॑ वसु॒ऽवने॑। व॒सु॒धेय॒स्येति॑ वसु॒ऽधेय॑स्य। वी॒ता॒म्। यज॑ ॥१४ ॥

Yajurveda » Adhyay:28» Mantra:14