Go To Mantra

सु॒गव्यं॑ नो वा॒जी स्वश्व्यं॑ पु॒ꣳसः पु॒त्राँ२ऽउ॒त वि॑श्वा॒पुष॑ꣳ र॒यिम्। अ॒ना॒गा॒स्त्वं नो॒ऽअदि॑तिः कृणोतु क्ष॒त्रं नो॒ऽअश्वो॑ वनता ह॒विष्मा॑न् ॥४५ ॥

Mantra Audio
Pad Path

सु॒गव्य॒मिति॑ सु॒ऽगव्य॑म्। नः॒। वा॒जी। स्वश्व्य॒मिति॑ सु॒ऽअश्व्य॑म्। पुं॒सः। पु॒त्रान्। उ॒त। वि॒श्वा॒पुष॑म्। वि॒श्वु॒पुष॒मिति॑ विश्व॒ऽपुष॑म्। र॒यिम्। अ॒ना॒गा॒स्त्वमित्य॑नागः॒ऽत्वम्। नः॒। अदि॑तिः। कृ॒णो॒तु॒। क्ष॒त्रम्। नः॒। अश्वः॑। व॒न॒ता॒म्। ह॒विष्मा॑न् ॥४५ ॥

Yajurveda » Adhyay:25» Mantra:45