Go To Mantra

अ॒ग्निं यु॑नज्मि॒ शव॑सा घृ॒तेन॑ दि॒व्यꣳ सु॑प॒र्णं वय॑सा बृ॒हन्त॑म्। तेन॑ व॒यं ग॑मेम ब्र॒ध्नस्य॑ वि॒ष्टप॒ꣳ स्वो᳕ रुहा॑णा॒ऽअधि॒ नाक॑मुत्त॒मम् ॥५१ ॥

Mantra Audio
Pad Path

अ॒ग्निम्। यु॒न॒ज्मि॒। शव॑सा। घृ॒तेन॑। दि॒व्यम्। सु॒प॒र्णमिति॑ सुऽप॒र्णम्। वय॑सा। बृ॒हन्त॑म्। तेन॑। व॒यम्। ग॒मे॒म॒। ब्र॒ध्नस्य॑। वि॒ष्टप॑म्। स्वः॑। रुहा॑णाः। अधि॑। नाक॑म्। उ॒त्त॒मम् ॥५१ ॥

Yajurveda » Adhyay:18» Mantra:51